tag:blogger.com,1999:blog-1725453241629150739.post8428066717800813478..comments2023-06-19T21:00:09.710+05:30Comments on वक़्त ही वक़्त कमबख्त ! हास्य कविता,व्यंग्य,शायरी व अन्य दिमागी खुराफतों का संकलन (Majaal): एक ग़ज़लMajaalhttp://www.blogger.com/profile/08748183678189221145noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-1725453241629150739.post-2708308632165819592010-10-29T09:46:26.952+05:302010-10-29T09:46:26.952+05:30अब हमें मालूम पड़ा, उसकी परेशानी का सबब,
दूसरों से...अब हमें मालूम पड़ा, उसकी परेशानी का सबब,<br />दूसरों से बहुत उसने , उम्मीदें लगाईं रखी है !<br /><br />satya hai, duron se ki gayi umeedein hi dukh ka karan banti hain!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1725453241629150739.post-27747901578684971612010-10-24T11:14:06.951+05:302010-10-24T11:14:06.951+05:30अच्छे भावों से संयुक्त एक अच्छी रचना।अच्छे भावों से संयुक्त एक अच्छी रचना।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1725453241629150739.post-1591356126446054892010-10-24T09:40:28.725+05:302010-10-24T09:40:28.725+05:30आप सभी का ब्लॉग पर आने और प्रतिक्रियाएं देने के ल...आप सभी का ब्लॉग पर आने और प्रतिक्रियाएं देने के लिए आभारMajaalhttps://www.blogger.com/profile/08748183678189221145noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1725453241629150739.post-21090666922220080252010-10-23T23:20:17.288+05:302010-10-23T23:20:17.288+05:30चलिये खुशियों के सिलसिले पंडितों के बताने से ही शु...चलिये खुशियों के सिलसिले पंडितों के बताने से ही शुरु हों पर हों तो सही :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1725453241629150739.post-35716351887989703292010-10-23T13:13:24.947+05:302010-10-23T13:13:24.947+05:30निर्मला जी की बात सही है...लेकिन ये निराशा का विषय...निर्मला जी की बात सही है...लेकिन ये निराशा का विषय नहीं क्यूंकि गज़ल में भाव पक्ष का बहुत महत्त्व होता है और आपका भाव पक्ष बहुत शशक्त है...लिखते रहिये...सफलता दूर नहीं...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1725453241629150739.post-53362177947454582352010-10-23T13:11:43.271+05:302010-10-23T13:11:43.271+05:304/10
तकनीकी चीजों को किनारे कर दें तो आपने ग़ज़ल प...4/10 <br /><br />तकनीकी चीजों को किनारे कर दें तो आपने ग़ज़ल पढने लायक बना ही दी. कई शेर ऐसे हैं जिनका भाव बढ़िया लगा. कोशिश कीजियेगा शायद ये ग़ज़ल और भी बेहतर बन जाए.उस्ताद जीhttps://www.blogger.com/profile/03230688096212551393noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1725453241629150739.post-13774225239939271112010-10-23T08:53:32.241+05:302010-10-23T08:53:32.241+05:30रचना अच्छी है। मुझे नही लगता ये गज़ल बहर मे है। भाव...रचना अच्छी है। मुझे नही लगता ये गज़ल बहर मे है। भाव अच्छे हैं। शुभकामनायें।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.com