ग़मों का है कोई किनारा क्या ?
है उम्मीदों के बिना गुज़ारा क्या ?!
फूलों की खुशबू, बच्चों की मुस्कुराहट,
उम्मीदों को चाहिए और सहारा क्या ?!
बिना आपके हमारा गुज़ारा क्या ?
करियेगा हमसे दोस्ती दुबारा क्या ?!
जब दिल मिले, गिले शिकवे सब दूर हुए,
सब एक हुआ, उसका क्या, हमारा क्या ?!
दौरे-नफ़रत, जाते जाते , ये कह गया 'मजाल',
"है मोहब्बत के सिवा और चारा क्या ?!"
है उम्मीदों के बिना गुज़ारा क्या ?!
फूलों की खुशबू, बच्चों की मुस्कुराहट,
उम्मीदों को चाहिए और सहारा क्या ?!
बिना आपके हमारा गुज़ारा क्या ?
करियेगा हमसे दोस्ती दुबारा क्या ?!
जब दिल मिले, गिले शिकवे सब दूर हुए,
सब एक हुआ, उसका क्या, हमारा क्या ?!
दौरे-नफ़रत, जाते जाते , ये कह गया 'मजाल',
"है मोहब्बत के सिवा और चारा क्या ?!"