वक़्त ही वक़्त कमबख्त ! हास्य कविता,व्यंग्य,शायरी व अन्य दिमागी खुराफतों का संकलन (Majaal)
वक़्त ही वक़्त कमबख्त है भाई, क्या कीजे गर न कीजे कविताई !
Monday, September 2, 2024
हिन्दी डिस्कशन फोरम (www.HindiDiscussionForum.com) - हिन्दी प्रेमियों को एक सूत्र में पिरोने की सुभावना और एक पुरानी खुजाल की कमबैक !
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एक दशक पहले की खुजाल, फिर से शुरू हो गई है मजाल, जाने अब क्या करेगी बवाल, माने इसे ऊपरवाले का कमाल ;) कुछ भाईलोगो ने मिल कर हिंदी की फोरम ...
Tuesday, July 16, 2024
हास्य कविता - जन्मदिन की बधाई!
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हमने कहा उनसे, आई 16 जुलाई बधाई हो बधाई, तो बोले वो हमसे, काहे की बधाई? आई (मदर इन मराठी)16 जूं-लाई 16 से 100 हुए भाई, डैंड्रफ दियो बढ़ाई, ग...
Sunday, July 7, 2024
कविता - यह 'कुछ', ही 'सब-कुछ' है .. ! (Kavita - Majaal)
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जीवन की राह में मेरे प्रिय,, लम्हा ऐसा भी आता है, अंतिम लगता है सबकुछ जब, किन्तु फिर कुछ बच जाता है. जीवित है की मृत मरा नहीं, प्रमाण...
Sunday, March 17, 2019
हास्य नाटक - 'कचौड़ी योग'
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प्रस्तावना नमस्ते | आप सभी का स्वागत है | अब हम लोग आपके सामने जो नाटक पेश करने जा रहे ह...
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