Monday, November 10, 2025

!!!! बटुक सप्ताह - बाल दिवस विशेष !!! १४ नवंबर २०२५ !!!

८ नवम्बर से १४ नवम्बर २०२५, बाल दिवस तक, DJV4team की तरफ से सुनिए रोज़ नए बाल गीत !!
08.11.2025 - The मोटूराम Anime Song !! 09.11.2025 - पतंग-बाज़ी - The Kite Anime Song !! 10.11.2025 - कुछ तोबी Anime Song !! 11.11.2025 - बंटी की बज गई घंटी Anime Song !! 12.11.2025 - सूरज दादा गुस्से में Anime Song !! 13.11.2025 - कट्टी - पुच्ची !! Anime Song !! 14.11.2025 - चड्डी पहन के फूल खिला है Anime Song !! !!! ENJOY !!! DJV4.IN Team ( djv4team@gmail.com )
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08.11.2025 - The मोटूराम Anime Song !!
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Lyrics : मोटूराम ! मोटूराम ! दिन भर खाते जाए जाम, पेट को न दे जरा आराम, मोटूराम ! मोटूराम ! स्कूल जो जाए मोटूराम, दोस्त सताए खुलेआम, मोटू, तू है तोंदूराम ! हमारी कमर, तेरा गोदाम ! तैश में आएँ मोटूराम ! भागे पीछे सरेआम, पर बाकी सब पतलूराम ! पीछे रह जाएँ मोटूराम ! रोते घर आएँ मोटूराम, सर उठा लें पूरा धाम, माँ पुचकारे छोटूराम, मत रो बेटा , खा ले आम ! जब जब रोतें मोटूराम, तब तब सूते जाए आम, और करें कुछ, काम न धाम, मुटियाते जाएँ मोटूराम ! एक दिन पेट में उठा संग्राम ! डाक्टर के पास मोटूराम, सुई लगी, चिल्लाए ' राम' ! ' राम, राम ! हाए राम !' तब जाने सेहत के दाम, अब हर रोज़ करें व्यायाम, धीरे धीरे घटा वज़न, पतले हो गए मोटूराम !

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09.11.2025 - पतंग-बाज़ी - The Kite Anime Song !!
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Lyrics : जोत उसके बाँध के, तराजू जैसे नाप के, सर मोड़ काँफ के, हवा बहाव नाप के, एक दे उड़न छी, एक गट्टा सँभाल के. ये उड़ी अपनी पतंग, हवा के साथ संग संग, हवा तेज़ - साधो सनन , हवा कम - ठुमके ठन ठन ! कागज़ की अपनी पतंग, हवा उड़े सर सर, पन्नी की छोटी पतंग , शोर बड़ा 'सड़ सड़ !' डोर खीच हड बड़ , कटे हाथ घड़ धड़ ! उड़ते हुए खुले जोत, तो गोते खाए तेज़ से, फटे तो मरहम लगाओ , चावल आटे लेप से ! कभी उड़े चील सी, कभी गोतेबाज़ सी, कभी पेड़ उलझे कभी, डोर फांसे पक्षी ! बाजू छत मुन्ना, धोंस दे लफंगा! मेरे कन्ने डग्गा, मेरेसे नई पंगा ! मैंने है करवाया हेगा, काँच वाला मंझा ! निकालेंगे हम इसकी हेंच, आ बच्चू , लड़ा ले पेंच ! आसमां में निगाहें, जमी सबकी एक सी, अब होगे फैसला, जीतेगा बस एक ही, एक तरफ सांकलतोड़ , एक तरफ बरेली ! कान बाज़ , चाँद बाज़ इक दूसरे के आस पास ! भिड़ जाए ऐसे दोनों , झपटा मारे जैसे बाज़, मंझे उलझे मंझे से, तेज़ हो साँसों के साज़ ! " ढील ! ढील ! ढील ! ढील ! " " खेंच ! खेंच ! खेंच ! खेंच ! " " ढील ! " "खेंच ! " "ढील ! " " खेंच ! " " काटा sssssss है ...... ! "

Tuesday, July 8, 2025

Marriage Anniversary Special - 'म-जारा'-ए-marriage (मजाल) (Chat-GPT के सौजन्य-ए-जुगलबंदी से !)

जो तेरे साथ पूरी जिंदगी का गुजारा हो जाए, तो 'मजाल' कदाचित ऐसा म-जारा हो जाए, की ए-क ए-क करके सारे सपने हो हकीकत, रो-जाना nightmares का साक्षात नजारा हो जाए! जो तेरे साथ पूरी ज़िंदगी का गुज़ारा हो जाए......❤️ सुबह उठते ही चाय मिले — पर गरम न हो, न्यूज़पेपर से पहले तेरा मूड हरदम नरम न हो... तो क्या कहें उस सना-तनी इत्तेफाक को, जो म-जारा बन जाता हर इतवार को! सपनों में जो कभी थे Maldives, Paris, Santo-rini, अब हो चुके हैं पास — पर Google Street View में ही सही! 😅 कभी थे candle-light dinner के ख्वाब, अब मिक्स वेज की सब्ज़ी और बच्चों के maths का जवाब! 😵‍♂️ रातों के वो रोमांटिक whispers जो दिल को बहकाते थे, अब "तू गैस सिलेंडर भरवा ले" में बदल जाते हैं! 'मजाल' खुद को दे दिलासा, हरि-दय को यूं समझाते है, की भाई - 'सच कहें तो यही असली प्यार का म-जारा है, जहाँ हर झगड़ा भी एक किस्म का इशारा है, कि “मैं नाराज़ हूँ” का मतलब — “बस गले लग जा यारा” है! ❤️ जो तेरे साथ पूरी ज़िंदगी का गुज़ारा हो जाए......❤️ तेरे साथ ज़िंदगी का सफ़र जब शुरू हुआ, तो सोचा था — थोड़ा सा हसीन, थोड़ा सा 'चलो देखा जाएगा' types होगा। पर जो हुआ… वो तो पूरा एक daily soap निकला, जिसमें मैं ही हीरो भी, विलन भी… और victim और vin-dict भी! 😂 पर मानता हूँ, तेरी मुस्कान — हाँ - वही, जो selfie में कम आती है! वो मेरे दिन के सबसे bright moments में से एक है। fantasies चाहे आदतन दुनिया भर की पाले 'मजाल' मगर, तुझसे जियादह किसी और को झेलना mandrick मायाजाल में भी fake है! तो मेरी जान, मेरी वाइफ, मेरी WiFi की असली यूज़र, Happy Anniversary — तेरे साथ ये म-जारा, हर साल और शानदार होता जाए। और जो तू अब तक समझ नहीं पाई मुझे, तो कोई बात नहीं — इस बार हम 'ChatG-P-T' को भी अपनाए! इस उम्मीद में की तेरा थोड़ा थोड़ा decode हो जाए! और अपने सनातनी प्रेम मे यह - much needed upgrade हो जाए!! तो इस सालगिरह पर, चलो फिर वो effect renew करते हैं, थोड़ी चिकचिक, थोड़ी हंसी — को fantasies में पूरा करते हैं। क्योंकि शादी नाम की ये जो जुगलबंदी है, यही तो सबसे epic किस्म का म-जारा बंदी है! जो तेरे साथ पूरी ज़िंदगी का गुज़ारा हो जाए......❤️

Saturday, June 14, 2025

!!! हिन्दी दिवस महा-कुंभ (04-06-2025 से 14-09 -2025 तक !!!! - !!! जीतिए रु.1,00,000/- तक के नकद पुरस्कार !!!

फुलटू promotional पोस्ट! 

भाइलोगों ने हिन्दी दिवस हेतु कुछ तगड़ा planning किया है बिड़ू !

!!! 80 दिन शेष !!!

!!! हिन्दी दिवस महा-कुंभ (04-06-2025 से 14-09 -2025 तक !!!!

!!! जीतिए रु.1,00,000/- तक के नकद पुरस्कार !!!

!!! प्रत्येक Approved Participation के लिए Guaranteed Gift !!!


• श्रेणी 1 - स्वरचित कविता/गीत + AI Music Composition
viewtopic.php?t=4558

• श्रेणी 2 – हिन्दी की प्रसिद्ध रचनाओं (गीत/कविता/भजन/दोहे आदि) + AI Music Composition
posting.php?mode=edit&p=14561

• श्रेणी 3 - स्वरचित कथा/कविता/लेख
viewtopic.php?t=4560

• श्रेणी 4 - विश्व साहित्य (कथा/कविता/लेख) का हिन्दी देवनागरी में रूपांतरण (स्वयं द्वारा सत्यापित)
viewtopic.php?t=4561



अधिक  जानकारी के लिए यहाँ पधारे!

Wednesday, June 4, 2025

'यदि' - Rudyard Kipling's Poem 'If" का हिन्दी भावार्थ !


यदि रख सके तू होश, जब दे रहे सब दोष, 
विश्वास धरे खुद पर, हो किसी के प्रति न रोष। 
यदि सब तुझको झुठलाएँ, फिर भी रहे तू शांत, 
रखे मान उनके संदेह का, रहकर सहज सभ्रांत। 

यदि धर सके  तू धैर्य, बिन किए उसका बखान, 
अपने अंदर समेटे जो, है सनातनी आयाम! 
यदि घृणा करे कोई तुझसे, पर तुझमें द्वेष न जागे, 
न करे आडंबर कोई, न वाणी से ज्ञान बागे। 

यदि सपने देख सके तू, पर बने न उनका दास, 
विचार करे अवश्य, न करे पर वो तुझ पर राज! 
यदि क्षण शगुन के आए, अथवा हो क्षण आलाप, 
न अधिक विजय को तूल, न पराजय का संताप! 

यदि जान सके वो सच तू, बस एक अटल जो यारा, 
मा-या नगरी में जिसने, कितनों को है भर-माया । 
या देख सके सपने बिखरे - जिन पर जीवन था वारा,
और फिर जर्जर औज़ारों से, निर्माण करें दोबारा। 

यदि सब-कुछ दांव लगाने का, रखता है तू बूता, 
और खो कर सब फिर शांत ह्रदय से, बांधे फीता जूता! 
यदि हृदय, स्नायु, और मन, जब तेरा साथ छोड़ जाए, 
फिर भी एक इच्छा कहे,"थकना नहीं - बढ़ते जाएं।" 

यदि शूरवीर रहे तू भीड़ में, पर धरे धर्म-अनुशासन, 
और मिले सम्राटों से तू, रख कर खुद को साधारण । 
यदि न शत्रु तुझे छल सके, न प्रियजन से तू रूठा, 
माने सबको तू अपना, पर विच्छेदों से न टूटा। 

यदि हर क्षण को दे सके तू, गहन श्वासो की दौड़ , 
तो यह पूरी दुनिया तेरी, न किसी से तेरी होड़! 
'मजाल' तत्व से अवगत, मेरे प्यारे 'तथागत',
अपने हाथ फैलाए दोनों, जीवन करता तेरा स्वागत..!

(आशुतोष उपाध्याय जी के सौजन्य से )

Tuesday, February 25, 2025

अपन इंदौरी मासिक पत्रिका के लिए लेख, लघु कथा और कविता आमंत्रित है !!!


अपन इंदौरी एक पत्रिका के लिए लेख, लघु कथा और कविता की तलाश कर रहा है जिसके लिए निम्नलिखित श्रेणियों और दिशानिर्देशों का पालन करना आवश्यक है:

श्रेणियाँ
1. लाइफ़स्टाइल'
2. मनोरंजन
3. यात्रा और साहसिक गतिविधियाँ
4. व्यवसाय और वित्त
5. प्रौद्योगिकी और नवाचार
6. कला और संस्कृति
7. शिक्षा और सीखना
8. समाज और राजनीति
9. खेल और फिटनेस
10. विज्ञान और प्रकृति

दिशानिर्देश
1. रचना मौलिक होनी चाहिए।
2. किसी भी तरह की विवादित टिप्पणी नहीं होनी चाहिए।
3. लेख किसी भी समाज, जाति, धर्म या वर्ग की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए।
4. लेख के साथ परिचय, फोटो और अनुमति पत्र भेजना आवश्यक है।
5. चयनित लेखकों को प्रति शब्द 1 रुपये के हिसाब से भुगतान किया जाएगा।
6. लेख creativeurja@gmail.com पर भेजे जा सकते हैं।

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