Saturday, June 14, 2025

!!! हिन्दी दिवस महा-कुंभ (04-06-2025 से 14-09 -2025 तक !!!! - !!! जीतिए रु.1,00,000/- तक के नकद पुरस्कार !!!

फुलटू promotional पोस्ट! 

भाइलोगों ने हिन्दी दिवस हेतु कुछ तगड़ा planning किया है बिड़ू !

!!! 90 दिन शेष !!!

!!! हिन्दी दिवस महा-कुंभ (04-06-2025 से 14-09 -2025 तक !!!!

!!! जीतिए रु.1,00,000/- तक के नकद पुरस्कार !!!

!!! प्रत्येक Approved Participation के लिए Guaranteed Gift !!!


• श्रेणी 1 - स्वरचित कविता/गीत + AI Music Composition
viewtopic.php?t=4558

• श्रेणी 2 – हिन्दी की प्रसिद्ध रचनाओं (गीत/कविता/भजन/दोहे आदि) + AI Music Composition
posting.php?mode=edit&p=14561

• श्रेणी 3 - स्वरचित कथा/कविता/लेख
viewtopic.php?t=4560

• श्रेणी 4 - विश्व साहित्य (कथा/कविता/लेख) का हिन्दी देवनागरी में रूपांतरण (स्वयं द्वारा सत्यापित)
viewtopic.php?t=4561



अधिक  जानकारी के लिए यहाँ पधारे!

Wednesday, June 4, 2025

'यदि' - Rudyard Kipling's Poem 'If" का हिन्दी भावार्थ !

सुनो में सुनिए और अपनी रचनाएं compose करें!!!


यदि रख सके तू होश, जब दे रहे सब दोष, 
विश्वास धरे खुद पर, हो किसी के प्रति न रोष। 
यदि सब तुझको झुठलाएँ, फिर भी रहे तू शांत, 
रखे मान उनके संदेह का, रहकर सहज सभ्रांत। 

यदि धर सके  तू धैर्य, बिन किए उसका बखान, 
अपने अंदर समेटे जो, है सनातनी आयाम! 
यदि घृणा करे कोई तुझसे, पर तुझमें द्वेष न जागे, 
न करे आडंबर कोई, न वाणी से ज्ञान बागे। 

यदि सपने देख सके तू, पर बने न उनका दास, 
विचार करे अवश्य, न करे पर वो तुझ पर राज! 
यदि क्षण शगुन के आए, अथवा हो क्षण आलाप, 
न अधिक विजय को तूल, न पराजय का संताप! 

यदि जान सके वो सच तू, बस एक अटल जो यारा, 
मा-या नगरी में जिसने, कितनों को है भर-माया । 
या देख सके सपने बिखरे - जिन पर जीवन था वारा,
और फिर जर्जर औज़ारों से, निर्माण करें दोबारा। 

यदि सब-कुछ दांव लगाने का, रखता है तू बूता, 
और खो कर सब फिर शांत ह्रदय से, बांधे फीता जूता! 
यदि हृदय, स्नायु, और मन, जब तेरा साथ छोड़ जाए, 
फिर भी एक इच्छा कहे,"थकना नहीं - बढ़ते जाएं।" 

यदि शूरवीर रहे तू भीड़ में, पर धरे धर्म-अनुशासन, 
और मिले सम्राटों से तू, रख कर खुद को साधारण । 
यदि न शत्रु तुझे छल सके, न प्रियजन से तू रूठा, 
माने सबको तू अपना, पर विच्छेदों से न टूटा। 

यदि हर क्षण को दे सके तू, गहन श्वासो की दौड़ , 
तो यह पूरी दुनिया तेरी, न किसी से तेरी होड़! 
'मजाल' तत्व से अवगत, मेरे प्यारे 'तथागत',
अपने हाथ फैलाए दोनों, जीवन करता तेरा स्वागत..!


Related Posts with Thumbnails