वक़्त ही वक़्त कमबख्त है भाई, क्या कीजे गर न कीजे कविताई !
अच्छा विचार है कविताई का।
ये एक अछी पहल है,हम युवा वर्ग इसका हर्दिक स्वागत करते हैं
शुभ लाभ Seetamni. blogspot. in
अच्छा विचार है कविताई का।
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