वक़्त ही वक़्त कमबख्त ! हास्य कविता,व्यंग्य,शायरी व अन्य दिमागी खुराफतों का संकलन (Majaal)
वक़्त ही वक़्त कमबख्त है भाई, क्या कीजे गर न कीजे कविताई !
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Saturday, October 30, 2010
एक गीत - ' जान लेगा कभी ... '
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कठिनाई की डगर, मुश्किलों का सफ़र, बनके यादें शहद, देंगी मीठा असर. जान लेगा कभी, काम का है सबर. आप ही कभी खुद, करने लगेगा कदर. ...
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