वक़्त ही वक़्त कमबख्त ! हास्य कविता,व्यंग्य,शायरी व अन्य दिमागी खुराफतों का संकलन (Majaal)
वक़्त ही वक़्त कमबख्त है भाई, क्या कीजे गर न कीजे कविताई !
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Tuesday, July 8, 2025
Marriage Anniversary Special - 'म-जारा'-ए-marriage (मजाल) (Chat-GPT के सौजन्य-ए-जुगलबंदी से !)
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जो तेरे साथ पूरी जिंदगी का गुजारा हो जाए, तो 'मजाल' कदाचित ऐसा म-जारा हो जाए, की ए-क ए-क करके सारे सपने हो हकीकत, रो-जाना nightm...
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