Tuesday, October 5, 2010

मौत - ब्लैक कॉमेडी (काला हास्य)

पड़ा वक़्त का कोड़ा,
सरपट दौड़ा घोड़ा,
कभी धीरे मरोड़ा,
कभी अचानक हथौड़ा,
सब एक झटके में तोड़ा,
काम न आया जोड़ा,
फुन्सी बनी फोड़ा,
सयाना हुआ निगोड़ा,
कोई नब्बे, कोई सोला,
हो शर्मा या अरोड़ा,
करके थोडा थोडा,
पूरा पूरा निचोड़ा,
मौत ने ऐ 'मजाल',
कहाँ किसी को छोड़ा...

6 comments:

  1. वाह वाह । ये तो सच मे ब्लैक कामेडी है। आपने भी श्ब्दों को खूब निचोडा चाहे थोडा थोडा। बधाई
    कृ्प्या मेरा ये ब्लाग भी देखें
    http://veeranchalgatha.blogspot.com/

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  2. इस हास्य पर कितने मुंह स्याह हो जाते हैं :)

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  3. bahut satik vyangyapurn kavita.

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  4. बहुत अच्छे लगी आपकी जोड़ तोड़ की कामेडी ..... बहुत मज़ा आया ....

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