कुछ फुटकर हास्य कविताएँ, थोड़े थोड़े दर्शन से साथ ;)
1. "मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनाने वाली हूँ",
अगर रिश्ता पति पत्नी,
तो खबर ख़ुशी की,
अगर लैला मजनू,
तो लग गयी वाट !
कभी कभी जिंदगी में,
घटनाओं से ज्यादा,
मायने रखते 'मजाल',
उनके हालत !
2. दुर्जनों की सौ सौ वाह वाही,
कर न पाएगी उम्रभर,
सज्जनों की दस दुहाई,
पर कर जाएगी काम,
सड़े फलों से बेहतर खाना ,
ताज़ा छिलके 'मजाल',
खुमानी की तो निकलेगी, गुठली भी बादाम !
...... और एक नज़्म :
* जिंदगी की आपाधापी,
गर्माते मिजाज़ के बीच,
कहीं से,
उड़ कर आया,
यादों का एक टुकड़ा,
और कर गया,
आँखों को.
जरा जरा सा नम,
अचानक हुई इस फुहार,
से हो गयी,
जस्बातों की,
तपती जमीन गीली,
और,
माहौल खुशनुमा हो गया !
यह क्या लिख दिया मजाल मियां ????
ReplyDeleteशुभकामनायें आपके लिए
बिकुल सही ...हर बात परिस्थितिनुसार ही उचित लगती है .
ReplyDelete.जस्बातों की,
तपती जमीन गीली,
और,
माहौल खुशनुमा हो गया !
बहुत खूब
बेहद उम्दा संकलन्।
ReplyDeleteसमय और परिस्थिति जीवन में बहुत मायने रखती है और माहौल तो ऐसे ही खुशनुमा होता रहे |
ReplyDelete:) हालात का बहुत महत्त्व है जीवन में....
ReplyDelete:))
ReplyDeleteआप सभी का आभार ;)
ReplyDeleteयूं तो सब बेहतर हैं :) लेकिन अपना पैसा आख़िरी नज़्म पर !
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