कुछ फुटकर हास्य कविताएँ, या फिर कुछ कुछ मजालिया किस्म की नज्में ही समझिये .....
1. जब,
पूरी ताकत लगाने पर,
झटके दे दे कर,
मुँह से गर्म करने पर,
और हजार बार रगड़ने ,
के बावजूद,
स्याही नहीं आती,
ठीक से,
कागज़ पर,
तब,
अन्दर जब्त,
वो अधपके से जस्बात,
बनके लफ्ज़,
चढ़ आतें है ऊपर,
और वो आवाज़,
वो आहट,
सुनने के बजाए,
दिखती है,
चेहरे पर,
बनके,
झल्लाहट ... !
2. मियाँ मजाल !
आपकी सोच में पाई गयी है अनियमता,
क्यों न उसे निरस्त कर दिया जाए,
और क्यों न बहाल कर लिया जाए,
सुकून को, जो है, मुल्तवी,
सूद के साथ.
जिंदगी अक्सर,
तन्हाइयों में,
भेजती रहती है मुझे,
कारण बताओ नोटिस !
3. जैसे,
किसी शायर ने,
जो जो,
जैसा जैसा,
जहाँ जहाँ,
सोच कर कहा था,
उसे,
वहाँ वहाँ,
उन उन,
जगहों में,
मिल जाए,
ठीक,
वैसी की वैसी,
दाद.....
मुराद !!!!!
18 comments:
लीजिये दाद...
bahut khoob.
पहला वाला सबसे मजेदार था |मेरी तरफ से भी दाद लीजिये और दाद लेते समय हमेसा ध्यान रखे की कोई छुपा कर खाज ना दे जाये |
झल्लाहट बढ़िया लगी ...
भाई बहुत बढ़िया लगी हास्य रचनाएँ ..... आभार प्रस्तुति के लिए....
आप सभी लोगो का प्रतिक्रियाओं के लिए आभार ....
वाह भई बहुत बढ़िया. बल्ले बल्ले.
are majaal saab ......maafi ke haqdaar to nahi hain hum..par fir bhi maafi mangenge jaroor..main ba tak aapke blog par aaya kyun nahi ...ye sochne wali baat hai..ye teenon kavitaayen.. bahut zaroori dastaavez hain..in kavitaon ke unvan aur unka apni kavitaon se judaav adbhut hai .. ..teenon rachnaon ne dhyaan kheencha hai... mubaraq bad dete hue ..fir si maafi kee guzarish karna chahunga...
दाद कुबूल कीजिये :)
अगर मुझे ग्रेडेशन का अख्तियार हो तो कुछ यूं करूँगा
मुराद = १
कारण बताओ नोटिस = २
झल्लाहट = ३
हास्य के आड़ में आपने गहरी बात कह दी !
jhallahat aur daad ki kya baat hai ji.badhiya.
... kyaa baat hai ... shaandaar-jaandaar !!!
तो इन सब पर हमारी भी दाद ... बहुत कमाल ....
:)
हास्य का पुट लिए कही गयी गहन बातें!
आभार!
mujhe achha lagi ap ki kavitaye
Khud mitenge meri hasti ko mitane wale dkhenge tujh ko bhi ek ro jaman e wale
ITNA ASAR JO MAAKI DUAYO NE DE DIYA .
AMA KE JO KADMO NE JINA SIKHA DIYA
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