Sunday, December 12, 2010

विशुद्ध हास्य - आधुनिक कविता ( Hasya Kavita - Majaal )

!
ओं !
सुनो !
मजाल !
इसी तरह से,
बीच बीच में एंटर,
मार कर बन जाता है,
गद्य लेखन पद्य और फिर,
वो मुझे प्यार से कहती है की देखो,
ये है मेरी आधुनिक कविता !
ऊपर से नीचे तक देखता हूँ,
पढ़ता हुआ उसे, मगर,
समझ नहीं पाता ,
तो कह देता हूँ,
डिजाईन ,
अच्छा,
है !
!

17 comments:

Alokita Gupta said...

waakai mein sir design acha hai

स्वप्निल तिवारी said...

haha hahaha
achha hai mazaal saab ..design wakai achha hai

अजित गुप्ता का कोना said...

बस हमारा भी यही कहना है कि डिजाइन अच्‍छा है। यही है आधुनिक कविता।

महेन्‍द्र वर्मा said...

स्वेटर की डिज़ाइन तो सुना-देखा था,आज कविता की डिज़ाइन देखकर और पढ़कर धन्य हुआ।

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

ओह ! कविता है कि कविता-चित्र

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

वाह ..बहुत डिजाइनर कविता है ...

nilesh mathur said...

वाह! क्या बात है!

Sunil Kumar said...

आधुनिक कविता क्या बात है

anshumala said...

सही जगह इंटर मारा है, वाकई डिजाईन अच्छा है | ओह तो ये आप को भी लगता है मुझे लगा की मुझे ही कविता की समझ नहीं है और गद्य पद्य का अंतर नहीं करपाती हु |

डॉ. मोनिका शर्मा said...

बिल्कुल सही .....विशुद्ध हास्य

संजय @ मो सम कौन... said...

सही मे डिजाईन अच्छा है।

उम्मतें said...

मुझे तो ये डिजाइन किसी पेटू आदमी का अहसास करा रहा है ! अच्छा है :)

JAGDISH BALI said...

वाक्यी डिज़ाइन अच्छा है ! गुड !

Udan Tashtari said...

डिज़ाईन शानदार है, बधाई स्वीकारो!!

निर्मला कपिला said...

वाकई ये डिज़ाईन भी बहुत अच्छा है। क्या उसकी नकल है? अच्छी रचना के लिये बधाई।

मुकेश कुमार सिन्हा said...

achchhi design hai.........:)

isliye follow kar raha hoon.........sayad kuchh design bha jaye...........

संजीव द्विवेदी said...

समझ नहीं पाता ,
तो कह देता हूँ,
डिजाईन ,
अच्छा,
है !
बहुत खूब

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