पड़ा वक़्त का कोड़ा,
सरपट दौड़ा घोड़ा,
कभी धीरे मरोड़ा,
कभी अचानक हथौड़ा,
सब एक झटके में तोड़ा,
काम न आया जोड़ा,
फुन्सी बनी फोड़ा,
सयाना हुआ निगोड़ा,
कोई नब्बे, कोई सोला,
हो शर्मा या अरोड़ा,
करके थोडा थोडा,
पूरा पूरा निचोड़ा,
मौत ने ऐ 'मजाल',
कहाँ किसी को छोड़ा...