Sunday, November 7, 2010

थोड़ा शायराना हुआ जाए ...(Shayari - Majaal)

कमज़ोर हो के ढह  जा,
गुरूर उस ज गह जा !

बदजुबानी से तो अच्छा,
चुप रहके थोड़ा सह जा !

तुझसे बहुत पटती है,
फुर्सत तू संग ही रह जा !

मरज़  करता रुका पानी,
आँसू तू  बेहतर बह जा !

तेरा क्या बुरा मानें ?
उम्दा नीयत है, कह जा !

ख़ुशी और ग़म बराबर,
अरमानों की जो तह जा !

'मजाल' सच कब कड़वा ?
कड़वा होता बस लह जा !

14 comments:

संजय @ मो सम कौन... said...

"ख़ुशी और ग़म बराबर,
अरमानों की जो तह जा !

'मजाल' सच कब कड़वा ?
कड़वा होता बस लह जा"

वाह भाई, अंजाम की क्या फ़िक्र.
कहना जरूरी है तो, बस कह जा।

नीरज गोस्वामी said...

बदजुबानी से तो अच्छा,
चुप रहके थोड़ा सह जा !

मरज़ करता रुका पानी,
आँसू तू बेहतर बह जा !

ख़ुशी और ग़म बराबर,
अरमानों की जो तह जा !

वाह...वाह...वाह...छोटी बहर में क्या कमाल के शेर कहें हैं...किसकी मजाल है जो इस गज़ल को लाजवाब न कहे, बेमिसाल न कहे,...आपने जो किया उसे सिर्फ कमाल ही कहा जा सकता है. लिखते रहें.

नीरज

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

अरे वाह!

Manish aka Manu Majaal said...

आप सभी का चिट्ठा पढ़ने और प्रतिक्रिया देने के लिए तहे दिल से शुक्रिया ....

उम्मतें said...

सब्र-ओ-रवानगी पर बहुत बेहतर ख्याल हैं !

Anamikaghatak said...

jabardast likha hai aapne.......shabdo ka bilkul sahi prayog.wah

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बदजुबानी से तो अच्छा,
चुप रहके थोड़ा सह जा !


बहुत खूबसूरत गज़ल है ....

Dr Xitija Singh said...

बदजुबानी से तो अच्छा,
चुप रहके थोड़ा सह जा !

मजाल' सच कब कड़वा ?
कड़वा होता बस लह जा !

बहुत अच्छी लगी आपकी ग़ज़ल ... हर शेर में गहरी बात छुपी है ...

महेन्‍द्र वर्मा said...

बदजुबानी से तो अच्छा
चुप रहके थोड़ा सह जा।

बहुत ही फलसफाना शे‘र...लाजवाब।

रचना दीक्षित said...

वाह! बहुत बेहतर, खूबसूरत गज़ल है

अनुपमा पाठक said...

तेरा क्या बुरा मानें ?
उम्दा नीयत है, कह जा !
waah!!!
bahut sundar kathya!!!
regards,

दिगम्बर नासवा said...

'मजाल' सच कब कड़वा ?
कड़वा होता बस लह जा ..

वाह जनाब .. क्या बात है ... छोटी बहर में कमाल किया है ... लह जा ... बहुत खूब ...

Dorothy said...

"मरज़ करता रुका पानी,
आँसू तू बेहतर बह जा !"

जिंदगी के सच को उकेरती, भाव प्रवण रचना. आभार.
सादर,
डोरोथी.

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

बहुत सुन्दर शेरो शायरी और आप की रचनाएँ मन को बहुत भायीं धन्यवाद हमारे प्रिय बद्री जी का जिनके द्वारा हम आप से भी जुड़े शुभ कामनाये ई चर्चा को और आप को साधुवाद
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५

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